
पूरी दुनिया में कोरोना वायरस का खतरा बना हुआ हैं. सबसे ताकतवर देश भी इस वायरस का कोई इलाज खोज नहीं पा रहे है. अधिकतर सभी देश लॉकडाउन हो चुके हैं. भारत में भी कोरोना वायरस के मामले दिन पर दिन बढ़ते ही जा रहे है. आपको बता दें कि अब तक भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 3378 हो चुकी है. आपको पता ही रूस कितना ज्यादा शक्तिशाली देश हैं. ऐसे में उस देश पर कोरोना के अलावा 2 और संकट के बादल छाए हैं. आइये आपको बताते हैं पूरी बात.

रूस पर इस समय तीन तरफ से खतरा मंडरा रहा है. पहला कोरोना वायरस. दूसरा चेर्नोबिल परमाणु संयंत्र के पास जंगल में आग और तीसरा राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के दोस्तों द्वारा बनाई जा रही मॉस्को मोटरवे. कोरोना वायरस से रूस में अब तक 6300 से ज्यादा लोग बीमार हैं. 47 मारे जा चुके हैं. चेर्नोबिल के पास जंगल में लगी आग से वहां का रेडिएशन सामान्य स्तर से 16 गुना ज्यादा हो गया है. पुतिन के दोस्तों द्वारा बनाई जा रही सड़क रेडिएशन वाले इलाके से गुजरेगी, यह भी खतरनाक है.

येगोर फिरसोव ने अपने फेसबुक पोस्ट में गीगर काउंटर दिखाया है जिसमें यंत्र में रेडिएशन स्तर 16 गुना बढ़ा हुआ दिख रहा है. इस आग ने करीब 250 एकड़ इलाके को खाक कर दिया है. इसे बुझाने के लिए रविवार को दो विमान, एक हेलीकॉप्टर और 100 फायरफाइटर्स लगे.चेर्नोबिल परमाणु संयंत्र में 1986 में विस्फोट हो गया था. इसके बाद रेडिएशन के कारण आसपास के इलाके तब से खाली हैं. यह इलाका रहने लायक नहीं है, लोगों को संयंत्र के 30 किलोमीटर के दायरे में रहने को मना किया गया है. बावजूद इसके लगभग 200 लोग यहां रहते हैं. वो इलाके को छोड़ने के आदेश के बाद भी यहीं पर बने हुए हैं.

उधर, द टाइम्स अखबार ने लिखा है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के दोस्त मिलकर मॉस्को मोटरवे का निर्माण कर रहे हैं. इस सड़क के निर्माण से चेर्नोबिल हादसे के बाद जमीन में दबाया गया रेडियोएक्टिव कचरा बाहर आ जाएगा.यहां से सड़क निकली तो करीब 60 हजार टन रेडियोएक्टिव कचरा बाहर आएगा. जो लाखों लोगों को बीमार कर सकता है. या फिर मौत की नींद सुला सकता है. इस सड़क को बनाने वाली कंपनी का नाम है मोस्टोट्रेस्ट. इसके मालिक हैं अरकाडी रोटेनबर्ग, जो पुतिन के 1963 से दोस्त हैं.
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