
बाकू। आर्मेनिया और अजरबैजान ने एक-दूसरे के रिहाइशी इलाकों में हमले का आरोप लगाने के बीच यह खबर भी निकलकर आ रही है कि इन क्षेत्रों में क्लस्टर बम गिराए जा रहे हैं।
पश्चिमी मीडिया से मिली खबरों के मुताबिक, नागोर्नो-कराबाख के आवासीय इलाकों में ऐसे बम गिराकर क्रूरता फैलाई जा रही है जबकि वैश्विक समझौतों के मुताबिक क्लस्टर बमों का इस्तेमाल प्रतिबंधित है।
ब्रिटेन के अखबार टेलीग्राफ ने कहा है कि नागोर्नो-कराबाख की राजधानी स्टेपनाकियर्ट में भीषण बमबारी के बीच क्लस्टर बमों का इस्तेमाल हुआ है। बता दें कि क्लस्टर बम खास तरह के होते हैं जो एक साथ सैकड़ों छोटे-छोटे बमों से मिलकर बनते हैं और फटने पर बड़े इलाके में फैलकर बड़ी संख्या में लोगों को प्रभावित करते हैं।
अजरबैजान पर आर्मेनिया के खिलाफ ऐसे बमों के इस्तेमाल का आरोप लगा है। बता दें कि 27 सितंबर से जारी इस जंग में अब तक 266 लोग मारे जा चुके हैं जबकि इनमें 45 आम नागरिक भी शामिल हैं।
आर्मेनिया सरकार का दावा है कि उसके 21 नागरिक अजरबैजान के हमले में मारे गए हैं जबकि 82 अन्य लोग बुरी तरह से घायल हो गए हैं। उधर, अजरबैजान ने अपने 25 नागिरकों के मारे जाने व 127 के घायल होने की पुष्टि की है।
नागोर्नो-कराबाख में तनाव के बीच तुर्की ने आर्मेनिया को धमकी दी है कि दुनिया हमारी दहाड़ को सुनेगी। इस धमकी के बाद आर्मीनिया और अजरबैजान की जंग में रूस और तुर्की के इसमें कूदने का खतरा पैदा हो गया है। रूस जहां आर्मेनिया का समर्थन कर रहा है, वहीं अजरबैजान के साथ नाटो देश तुर्की और इस्राइल है। फ्रांस भी इस जंग में खुलकर आर्मेनिया के समर्थन में आ गया है।